पहली बार साबित हुआ जीका वायरस और लकवाग्रस्त होने के बीच की कड़ी

नवजात बच्चों में मस्तिष्क के संपूर्ण विकास को प्रभावित करने वाले जीका वायरस से संक्रमित 15 साल की एक लड़की को लकवा होने की वजह से माइलाइटिस होने का पता चला है.
फ्रांसीसी अनुसंधानकर्ताओं ने यह पता लगाया है जो इस तरह का पहला मामला है.
पॉइंटे-ऐ-पिट्रे यूनीवर्सिटी हॉस्पिटल और यूनीवर्सिटी ऑफ द एंटिलेस इन फ्रेंच वेस्ट इंडीज के एक अनुसंधान दल के अनुसार जीका वायरस के संक्रमण से गंभीर माइलाइटिस यानी रीढ़ की हड्डी में सूजन का यह पहला मामला सामने आया है.
जीका वायरस के गंभीर रूप से संक्रमण की स्थिति में किसी बाल रोगी के चार प्रमुख अंगों (हाथों और पैरों) में सक्रियता की कमी हो जाती है और तेज दर्द होता है.
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड, रक्त और मूत्र में वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.
लड़की को इस साल जनवरी में गुआडेलूपे के पॉइंटे-ऐ-पिट्रे यूनीवर्सिटी अस्पताल में बांयी ओर के पक्षाघात के साथ भर्ती कराया गया था.