अंतिम संस्कार के बाद गंगाजल से नहाना क्यों जरूरी होता है- जानिए

मनुष्य की मृत्यु के बाद पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार हिंदू धर्म में किया जाता है। किसी के शवयात्रा में कोई भी व्यक्ति उसके अंतिम संस्कार में जाना और किसी को कंधा देना पूण्य माना जाता है। हिंदू धर्म के लोग समशान से आने के बाद अपने ऊपर गंगाजल छिड़क कर नहाते हैं। क्या आपने सोचा कि ऐसा क्यों करते हैं एक तरफ तो सबको सबको कंधा देना तथा शामशान जाना पूण्य माना जाता है और तो दूसरी तरफ नहाना क्यों जरूरी हो जाता है।
हिंदू धर्म में ऐसे कुछ नियमों के बारे में हम आपको बताते हैं शमशान पर मृत व्यक्ति का शरीर जाता है वहां पहले से ही बहुत सी आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां रहती हैं। जिससे की वो कमजोर मन वाले व्यक्ति को हानि पहुंचा सकती हैं दाह संस्कार के बाद भी मृत आत्मा का छोटा शरीर कुछ समय तक वहां उपस्थित रहता है। जो अपनी प्रकृति के अनुसार कोई हानिकारक प्रभाव भी डाल सकता है इतना ही नहीं शमसान से आने के बाद व्यक्ति लाल रंग की साबुत मिर्च को दांत से काट कर फेंका जाता है और नीम की पत्ती को भी दांत से काट के फेंकते हैं तथा अग्नि को पैर से छूते हैं और घर आकर अपने सारे वस्त्रों को उतार कर पानी से धोते हैं तथा पानी से स्नान करने के बाद गंगाजल को अपने ऊपर छिड़कते हैं।